इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
उतरौला, बलरामपुर। समाचार पत्रों में खबर छपने के बाद जैसे तैसे कोटेदारों ने राशन वितरण अनमने मन से शुरू कर दिया लेकिन अब नेटवर्क की समस्या बताकर कार्डधारकों को बैरंग लौटा रहे हैं। सभी कोटेदारों के यहां नेटवर्क की समस्या नहीं हो रही है लेकिन कुछ ठेकेदार कोटेदार व्यवस्था व सरकार को उपभोक्ताओं के सामने दोषी बताकर सरकार की छवि धूमिल करने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।जिले भर में कुल 874 सरकारी गल्ले की दुकानों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन किया जा रहा है। इस महीने से सरकार ने राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए ई पाश मशीन के साथ इलेक्ट्रॉनिक कांटे को जोड़ दिया है। इस प्रक्रिया से हर कार्डधारक को मिलने वाले राशन की एक पर्ची भी दी जाती है। इस पर्ची में कार्डधारक के हिस्से के गेहूं व चावल का विवरण दर्ज रहता है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन से ऑटोमैटिक रूप से निर्धारित अनाज कार्डधारक के बैग में गिर जाता है। इसी वितरण प्रक्रिया से कोटेदारों को संतोष नहीं है और वे सरकार को बदनाम करने की हर संभव कोशिश करते हैं। कोटेदार कार्डधारकों को वह पर्ची भी नहीं देते जिसमें उनको मिलने वाले अनाज का वजन दर्ज रहता है।यह अव्यवस्था यह बताने के लिए काफी है कि कोटेदार किस तरह गरीबों के हिस्से की अनाज में घटतौली करते हैं। अनेक कार्डधारकों का कहना है कि उनको कार्ड में दर्ज यूनिट के सापेक्ष कम राशन मिल रहा है। वहीं अनेक कोटेदारों का यह भी कहना है कि पीडीएस सिस्टम अब उनके लिए घाटे का धंधा बनने वाला है, क्योंकि हर कोटेदार को एक निश्चित रकम हर महीने अधिकारियों को देनी होती है। अगर घटतौली बंद हुई तो ये रकम अपनी जेब से देनी पड़ेगी। इस संबंध में जिलापूर्ति अधिकारी का कहना है कि सरकार की हर नीतियों का पालन करना हर कोटेदार के लिए आवश्यक है। सरकार की नीतियों का विरोध या राशन वितरण में हीलाहवाली करने वाले कोटेदारों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।