इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क 
सिकरारा, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के खानापट्टी गांव के रामलीला मैदान में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा के छठें दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह के पावन प्रसंग ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। कथा वाचक संतोष शरण महाराज और उनकी संगीतमय मंडली ने राम-सीता विवाह के प्रसंग को इतने मनोहारी ढंग से प्रस्तुत किया कि उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे और पूरा वातावरण भक्ति रस में डूब गया।संतोष शरण महाराज ने श्रीराम चरित मानस के आधार पर भगवान राम और माता सीता के विवाह के प्रसंग को विस्तार से सुनाया। साथ ही बताया कि कैसे राजा जनक की पुत्री सीता के स्वयंवर में भगवान राम ने शिव धनुष को भंग कर सभी राजाओं को चकित कर दिया। कथा में माता सीता द्वारा श्रीराम को वरमाला अर्पित करने और उनके विवाह के शुभ अवसर का वर्णन इतना जीवंत था कि श्रद्धालु उस दैवीय क्षण में खो गए। कथा वाचक ने राम-सीता के विवाह को न केवल एक सामाजिक उत्सव, बल्कि धर्म, प्रेम और समर्पण का प्रतीक बताया। संगीतमय भजनों और मधुर स्वरों ने वातावरण को और भी रसमय बना दिया। "जय सियाराम" और "राम तारक मंत्र जप" जैसे भजनों ने श्रद्धालुओं को भक्ति के रंग में रंग दिया।कार्यक्रम के मुख्य यजमान पूर्व बीडीसी सुनील सिंह और उनकी धर्मपत्नी ने व्यास गद्दी का पूजन-अर्चन कर कथावाचक संतोष शरण महाराज और उनकी टीम को अंगवस्त्रम भेंट करके सम्मानित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के संरक्षक व समाजसेवी दिनेश सिंह, प्रधान प्रतिनिधि सुशील सिंह, बीडीसी रजनीश सिंह, शरद सिंह पत्रकार, विजय सिंह, अनन्त सिंह, शुभेन्द्रू सिंह, सेवानिवृत शिक्षक, वेद प्रकाश सिंह, अवधेश सिंह, जय प्रकाश सिंह, अशोक सिंह, ओमनाथ सिंह, अनिल सिंह, निर्भय नारायण सिंह, संतोष सिंह, जितेंद्र सिंह, गौरव सिंह लेखपाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।श्रीराम के विवाह का प्रसंग सुनकर श्रद्धालुओं ने न केवल भक्ति का आनंद लिया, बल्कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प भी लिया। कथा के माध्यम से संतोष शरण महाराज ने यह संदेश दिया कि राम-सीता का विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि धर्म और प्रेम का एक आदर्श उदाहरण है जो आज भी समाज के लिए प्रासंगिक है।खानापट्टी गांव का यह आयोजन क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
 
 
