अमित जायसवाल, चन्दवक, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के बलुआ विजयीपुर मुसहर बस्ती में धरती के आबा, जननायक आदिवासियों की मसीहा महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा का 150वां जन्म समारोह एवं भारतीय जनजागरूकता कार्यक्रम सुरेन्द्र प्रताप की अध्यक्षता में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान महानायक को नमन कर याद करने के साथ ही बिरसा मुंडे के नारे बुलंद किए गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पहुंचे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हरी राम बनवासी व विजय आदिवंशी ने कहा कि आदिवासी महानायक बिरसा मुंडा के अंतिम सांस तक बगैर समझौते की आदिवासियों के अधिकारों हेतु ब्रिटिश सल्तनत और देश के चाटूकार दलालों से संघर्ष किया। वर्तमान परिवेश में आदिवासियों के दशा व दिशा पर मनन चिंतन करने की जरूरत है। देश में आपातकाल जैसी परिस्थितियों आ चुकी है। भारतीय संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। आदिवासी समाज गुलामी में ही जीने को जन्मसिद्ध अधिकार मान बैठे हैं, इसीलिए लगातार शिक्षा को नजअंदाज कर रहे। दोस्त और दुश्मन का फर्क नहीं कर पाने में आदिवासी समाज लगातार धोखे और सोची समझी सोच का शिकार हो रहे हैं।प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष श्रीकांत निराला ने बताया कि वर्तमान परिवेश में हजारों आदिवासियों को नक्सली आतंकी बात कर जान से मार दिया गया। बावजूद इसके भी आदिवासी समुदाय सबक सिखाने को तैयार नहीं है। वह केवल 5 किलो अनाज, गैस सिलेंडर, आवास पर खुश नजर आ रहा है। इस अवसर पर सुरेंद्र प्रताप, रंजीत, बबलू, सुनीता देवी, रामदास राम, वनवासी, भागीरथी, लखीराम, बसंत लाल, राजाराम, गोलू, सोमनाथ बनवासी, लाल बनवासी, लालचंद के साथ भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।