इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। जगमग जी की कहानी जौनपुर के ग्रामीण अंचल, संस्कृति, संस्कार, विचार, व्यवहार को देश के कोने-कोने में पहुंचायेगी। जगमग जी गांव गिरांव के परिवेश के कुशल चितेरे हैं। उक्त विचार जयन्त्री प्रसाद 'जगमग' द्वारा लिखित कहानी संग्रह 'इक्यावन जगमग कहानियॉं' के लोकार्पण अवसर पर मंगलवार को अपने कार्यालय में बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी डॉ दिनेश चन्द्र ने व्यक्त किया।जिलाधिकारी ने जयन्त्री प्रसाद 'जगमग'के लेखन शैली की प्रशंसा करते हुए निरंतरता के साथ लिखने के लिए प्रेरित भी किया। बतौर विशिष्ट अतिथि प्रख्यात साहित्यकार डॉ ब्रजेश यदुवंशी ने कहा कि जगमग जी की ग्रामीण कहानियां क्लिष्ट भाषाशैली की अपेक्षा गांव गिरांव के जीवन, संस्कृति और भावनाओं को उभारने पर कुछ ज्यादा केंद्रित हैं। लेखक अक्सर गांव की सीधी-सादी बोली, किसानों की समस्याएं, स्थानीय रीति रिवाज और प्रकृति के साथ उनके जुड़ाव को दर्शाने के लिए अपनी भाषा का प्रयोग करते हैं, न कि किसी परिष्कृत साहित्यिक शैली का।इसी क्रम में सीआरओ अजय अम्बष्ट ने कहा कि कहानी संग्रह इक्यावन जगमग कहानियां ग्रामीण चेतना का सशक्त दस्तावेज है। यह कहानी संग्रह केवल मनोरंजन का साधन नहीं, अपितु आत्म चिंतन और संवेदनशीलता को जागृत करने का सशक्त माध्यम भी है। विदित हो कि कुछ महीने पहले जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने कवि, लेखक जयन्त्री प्रसाद जगमग के नाम से मुख्य मार्ग से पालपुर गांव तक जाने वाली सड़क का नाम जगमग मार्ग कर दिया है। इस महान कार्य के लिए क्षेत्रीय लोगों ने जिलाधिकारी का आभार भी प्रकट किया है। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारियों के साथ गणमान्य लोग उपस्थित रहे।