इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। जिले के जिम्मेदार नागरिकों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा अधिवक्ता विकास तिवारी की अगुवाई में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को चाइनीज मांझा (सिंथेटिक/नायलॉन धागा) तथा प्लास्टिक धागे पर पूर्ण प्रतिबंध के प्रवर्तन में विफलता एवं हालिया दुखद मौतों के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन पूर्व में 10 जनवरी 2025 को दिए गए ज्ञापन का अनुवर्ती है जिसमें जिले में प्रतिबंधित मांझा की अवैध बिक्री एवं उपयोग की शिकायत की गई थी।ज्ञापन में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के के निर्णय का हवाला दिया गया जिसमें चाइनीज मांझा, नायलॉन/प्लास्टिक धागे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन की कथित लापरवाही पर गंभीर चिंता व्यक्त की जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष कई दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 4 मौतें तथा दर्जनों घायल होने की घटनाएं शामिल हैं। विशेष रूप से 11 दिसंबर को शास्त्री ब्रिज पर 40 वर्षीय शिक्षक संदीप तिवारी की प्रतिबंधित चाइनीज मांझा से हुई दुर्घटना में असामयिक मौत का उल्लेख किया गया।ज्ञापन के माध्यम से की गयीं निम्नलिखित मांगें जिले में चाइनीज मांझा/सिंथेटिक धागे की बिक्री, भंडारण एवं उपयोग पर विशेष अभियान चलाकर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाय तथा दोषियों के विरुद्ध पर्यावरण, पशु क्रूरता सहित अन्य कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाय।मृतक शिक्षक संदीप तिवारी के परिवार को प्रशासन की लापरवाही के परिणामस्वरूप हुई मृत्यु के कारण 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता/क्षतिपूर्ति तत्काल प्रदान की जाय। मांझा का उपयोग एवं बिक्री करने वालों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच तेज की जाय। जनजागरूकता के लिए सार्वजनिक घोषणाएं, पोस्टर एवं मीडिया कैंपेन चलाये जायं। पूर्व ज्ञापन पर की गयी कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट 7 दिनों में उपलब्ध कराई जाए तथा भविष्य की योजना साझा की जाय।ज्ञापन सौंपने पर जिलाधिकारी डा. दिनेश चन्द्र ने आश्वासन दिया कि क्षतिपूर्ति के लिए आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। वहीं पुलिस अधीक्षक डा. कौस्तुभ ने बताया कि संदीप तिवारी के प्रकरण में गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है तथा पुलिस द्वारा कड़ी कार्यवाही की जाएगी जो एक नजीर बनेगी।इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता विकास तिवारी, अतुल सिंह, आशीष शुक्ल, सुधीर सिंह विद्रोही, अंकित यादव, शिवराज यादव, कुलदीप यादव, राजकुमार प्रजापति, रंजीत यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो वे उच्च न्यायालय या एनजीटी में याचिका दायर करने को बाध्य होंगे।