इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जौनपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही, सुल्तानपुर के पराविधिक स्वयंसेवकों (अधिकार मित्र) हेतु एक दिवसीय 'संवर्धन' प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कलेक्ट्रेट प्रेक्षागृह (ऑडिटोरियम हाल) में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला प्राधिकरण सुशील शशि ने किया।कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया जिसमें अध्यक्ष सहित उपस्थित सभी अधिकारियों ने सहभागिता किया। दीप प्रज्वलन के पश्चात कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करते हुए जनपद न्यायाधीश सुशील शशि ने पराविधिक स्वयंसेवकों की भूमिका, सामाजिक उत्तरदायित्व और न्याय तक सबकी पहुँच सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी पर प्रकाश डाला। पराविधिक स्वयंसेवक समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय एवं विधिक सहायता पहुँचाने की रीढ़ होते हैं, इसलिए उनका प्रशिक्षित, सक्षम और संवेदनशील होना अत्यंत आवश्यक है। प्रभारी सचिव सौरभ श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की विस्तृत रूप—रेखा उद्घाटन सत्र में बतायी।कार्यक्रम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला प्राधिकरण सुल्तानपुर विजय गुप्ता, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला प्राधिकरण प्रयागराज दिनेश गौतम, भदोही तरूणिमा पाण्डेय प्रभारी सचिव जिला प्राधिकरण, सौरभ श्रीवास्तव जौनपुर की उपस्थिति रही। सभी अधिकारियों ने पराविधिक स्वयंसेवकों को अपने अनुभवों एवं कार्य क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को विधिक सेवा योजनाओं, नालसा एवं यूपीएसएलएसए द्वारा संचालित विभिन्न मिशनों, कमजोर एवं वंचित वर्गों के संरक्षण, सुलह एवं मध्यस्थता की प्रक्रिया, महिला एवं बाल संरक्षण संबंधी कानून, निःशुल्क विधिक सहायता के प्रावधान, अपराध पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना, घरेलू हिंसा व लैंगिक अपराधों के मामलों में कार्यप्रणाली, जनजागरूकता अभियानों के प्रभावी संचालन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। सत्रों के दौरान पराविधिक स्वयंसेवकों को यह भी बताया गया कि वे अपने क्षेत्रों में किस प्रकार लोगों को उनके अधिकारों से अवगत करा सकते हैं। पीड़ितों को आवश्यक सहायता दिला सकते हैं तथा न्यायालय और समाज के बीच एक सशक्त सेतु के रूप में कार्य कर सकते हैं। कार्यक्रम में संवादात्मक चर्चा, अनुभव साझा करने और समस्याओं के समाधान पर विशेष जोर दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 222 पराविधिक स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। प्रतिभागियों ने बताया कि यह प्रशिक्षण उनके लिए अत्यंत लाभकारी रहा और इससे उनके ज्ञान, कार्य क्षमता एवं आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सों एक्ट द्वितीय रूपाली सक्सेना ने पाक्सो एक्ट से सम्बन्धित जानकारी एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला प्राधिकरण प्रयागराज दिनेश गौतम ने नालसा की योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करायी।सहायक पुलिस अधीक्षक/पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर गोल्डी गुप्ता ने मिशन शक्ति तथा सहायक परविक्षा अधिकारी मुरलीधर गिरि द्वारा जेजे एक्ट से सम्बन्धित जानकारी व सदस्य स्थायी लोक अदालत रजनी सिंह ने स्थायी लोक अदालत से सम्बन्धित जानकारी प्रदान करायी। उक्त कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी नीरज पटेल, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी अरविन्द प्रभाकर, जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय पाण्डेय, सहायक श्रम आयुक्त अधिकारी देवव्रत यादव ने अपने विभाग के संबंध में सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया।कार्यक्रम का संचालन डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल डा0 दिलीप सिंह ने किया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन सौरभ श्रीवास्तव प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ हुआ जहां प्रतिभागियों को भविष्य में विधिक जागरूकता, अधिकार संरक्षण एवं न्यायिक सहायता के क्षेत्र में और अधिक सक्रियता एवं दक्षता के साथ कार्य करने हेतु प्रेरित किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को विधिक सेवा योजनाओं, नालसा एवं यूपीएसएलएसए द्वारा संचालित विभिन्न मिशनों, कमजोर एवं वंचित वर्गों के संरक्षण, सुलह एवं मध्यस्थता की प्रक्रिया, महिला एवं बाल संरक्षण संबंधी कानून, निःशुल्क विधिक सहायता के प्रावधान, अपराध पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना, घरेलू हिंसा व लैंगिक अपराधों के मामलों में कार्यप्रणाली, जनजागरूकता अभियानों के प्रभावी संचालन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। सत्रों के दौरान पराविधिक स्वयंसेवकों को यह भी बताया गया कि वे अपने क्षेत्रों में किस प्रकार लोगों को उनके अधिकारों से अवगत करा सकते हैं। पीड़ितों को आवश्यक सहायता दिला सकते हैं तथा न्यायालय और समाज के बीच एक सशक्त सेतु के रूप में कार्य कर सकते हैं। कार्यक्रम में संवादात्मक चर्चा, अनुभव साझा करने और समस्याओं के समाधान पर विशेष जोर दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 222 पराविधिक स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। प्रतिभागियों ने बताया कि यह प्रशिक्षण उनके लिए अत्यंत लाभकारी रहा और इससे उनके ज्ञान, कार्य क्षमता एवं आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सों एक्ट द्वितीय रूपाली सक्सेना ने पाक्सो एक्ट से सम्बन्धित जानकारी एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला प्राधिकरण प्रयागराज दिनेश गौतम ने नालसा की योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करायी।सहायक पुलिस अधीक्षक/पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर गोल्डी गुप्ता ने मिशन शक्ति तथा सहायक परविक्षा अधिकारी मुरलीधर गिरि द्वारा जेजे एक्ट से सम्बन्धित जानकारी व सदस्य स्थायी लोक अदालत रजनी सिंह ने स्थायी लोक अदालत से सम्बन्धित जानकारी प्रदान करायी। उक्त कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी नीरज पटेल, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी अरविन्द प्रभाकर, जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय पाण्डेय, सहायक श्रम आयुक्त अधिकारी देवव्रत यादव ने अपने विभाग के संबंध में सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया।कार्यक्रम का संचालन डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल डा0 दिलीप सिंह ने किया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन सौरभ श्रीवास्तव प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ हुआ जहां प्रतिभागियों को भविष्य में विधिक जागरूकता, अधिकार संरक्षण एवं न्यायिक सहायता के क्षेत्र में और अधिक सक्रियता एवं दक्षता के साथ कार्य करने हेतु प्रेरित किया गया।