इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
खुटहन, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के उसरौली शहाबुद्दीनपुर में सुबह घूर गड्ढे में झाड़ झखाड़ से तोपी हुई रोती नवजात बच्ची मिली। जिसे स्थानीय समाजसेवी संस्था ने नवजात शिशु को लेकर उपचार करने के बाद एक दलित परिवार को गोद दे दिया। कलयुगी मां की कृत्य फेंकने व दूसरी ममता मयी मां के अपनाने को लेकर तरह-तरह की चर्चायें हैं। जानकारी के अनुसार ग्राम उसरौली शहाबुद्दीनपुर में एक घनी आबादी के पास घूर के गड्ढे में सुबह महिलाओं ने नवजात शिशु की रोते हुए आवाज सुनी। पहले तो लोगों को लगा किसी मेंढक को सर्प ने पकड़ा है इसलिए उस तरह की आवाज आ रही है लेकिन ध्यान देने पर स्पष्ट हो गया कि नवजात शिशु रो रही है और यह खबर आसपास के गांव में फैल गई। सूचना पर आस्था फाउंडेशन खुटहन के संस्थापक डॉ अरविंद कुमार यादव एवं पूर्व प्रधान के पुत्र देवमणि यादव मौके पर पहुंच गए बच्ची को घूर गड्ढे से निकाले तो उसकी सासें चल रही थी। डा. अरविंद कुमार यादव ने निजी चिकित्सक के पास ले जाकर उपचार करवाए और कपड़े लिये। नवरात्र में शिशु कन्या मिलने पर खुशी जताई और लोगों को मिठाई खिलाकर बधाई दी। इसके बाद आस्था फाउंडेशन ने बच्ची को गोद लेने के लिए ऐलान किया तो उसी गांव के कमलेश कुमार गौतम की पत्नी सुमन देवी ने गोद लेने के लिये अनुरोध किया और कहा कि हमारे दो पुत्र हैं कोई कन्या नहीं है और नवरात्र की कन्या है इसे हम गोद लेते हैं। जिसके बाद आस्था फाउंडेशन ने उस बच्ची को गोद दे दिया और उधर उस कलयुगी मां की कृत्य को लेकर चर्चा हो रही थी कि एक मां ने फेंक दिया। दूसरी ममता मयी मां ने स्वीकार कर गोद लिया। गोद लेने वाले परिवार की लोगों ने सराहना की।