इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
सिरकोनी, जौनपुर। पीएम श्री कम्पोजिट स्कूल नाथूपुर में जिला प्रोबेशन कार्यालय व सरजू प्रसाद शैक्षिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा बाल अधिकार व मिशन शक्ति के तहत वृहद शिविर का आयोजन हुआ जिसका शुभारंभ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं प्रधानाध्यापक सहित डॉ सुबाष सिंह, डा. दिलीप सिंह आदि ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया।शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रधाना ध्यापक को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह प्रदान करके संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने कहा कि बाल अधिकार के तहत समस्त बच्चों के व्यक्तित्व का विकास करना ही आज के शिविर का मुख्य उद्देश्य है। हमें बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा व पुनर्वास के विशेष पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना है।कार्यक्रम का संचालन करते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण के डा. दिलीप सिंह एडवोकेट ने कहा कि हमें बच्चों की भविष्य को देखते हुए संबंधित नियम कानून के प्रति सजग करना तथा उनके जीवन के विकास हेतु समस्त उपक्रम करना है। विशिष्ट अतिथि बाल संरक्षण अधिकारी ने कहा कि स्पांसरशिप योजना कन्या सुमंगला योजना मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य बाल अधिकारों की संरक्षण हेतु समस्त बच्चों को संरक्षित करने हेतु उनके अधिकारों को दिलाने व जागरूक करने की सर्वाधिक जरूरत है, ताकि जरूरतमंद एवं आवश्यकता वाले बालकों को इसका लाभ मिल सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्रधानाचार्य डा. सुबाष सिंह ने कहा कि मिशन शक्ति के तहत बालिकाओं महिलाओं का सम्मान सुरक्षा व स्वालंबन हेतु सरकार व संस्था द्वारा संपूर्ण प्रयास किया जा रहा है जिसका परिणाम है कि नारी सशक्तिकरण को एक नया आयाम मिला है। महेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि बाल विवाह चाइल्ड ट्रैफिकिंग बाल श्रम बंधुआ मजदूरी पाक्सो एक्ट अनाथ बालक लापता बच्चे बाल अपराध घटनाओं के न शिकार हो, इसके लिए विशेष सुरक्षा और दृष्टि की जरूरत है। हर बालक पर नजर होनी चाहिए। बाल संरक्षण हेतु व्यापक दृष्टिकोण से कार्यवाही करनी होगी। इस अवसर पर शिक्षिका भारती सिंह, श्वेता पाल, आकांक्षा, अनिल मौर्य, रितु गाैड, अभिषेक, खुशबू, शालू, बिंदु, समीक्षा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम संयोजक/पूर्व अध्यक्ष चाइल्ड वेलफेयर कमेटी संजय उपाध्याय ने कहा कि आज जरूरतमंद बालक, आवश्यकता वाले बालकों का संरक्षण सर्वाधिक जरूरी है। बाल अधिकारों के साथ इंसानियत का भी संरक्षण हो सके। अंत में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।