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Jhansi:कोलकाता दुष्कर्म काण्ड पर बना स्टालेशन देख भावुक हुए कुलसचिव।

इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क 

>कला की कूचीं से बने चित्रों में समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता नजर आ रही: डॉ. श्वेता
 
झांसी। राष्ट्रीय सेवा योजना बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी एवं ललित कला संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में ललित कला संस्थान में विद्यार्थियों नेकोलकाता में महिला डॉक्टर एवं झांसी में तीन वर्ष की बालिका के साथ हुए दुष्कर्म की घटना को बेकार वस्तुओं के सृजन से स्टालेसन, कैनवस और रंगोली पर उतार कर सरकार से जल्द से जल्द पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की और पीड़िताओं के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट की। कुलसचिव विनय कुमार सिंह एवं राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक ने अपने उद्गार में कहा कि इस प्रकार की खबर मानव मस्तिष्क को झकझोर देती है। उन्होंने संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा बनाये गए दुष्कर्म पीड़िता के स्टालेसन को देख कर भावुक स्वर में कहा कि ये सभ्य समाज के पतन की ओर इंगित करता हैं। जिसे हम दुर्गा (शक्ति) के रूप में पूजते हैं, उसी के साथ इस प्रकार की घिनौनी हरकत क्षमा के योग्य नहीं हैं। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो सके। वहीं सुनील सेन, उप कुलसचिव ने संस्थान के विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी को प्रतिज्ञा लेनी चाहिए और ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए समाज के हर वर्ग से बातचीत कर युवाओं को आगे आना चाहिए। इस प्रकार का कोई भी काम हमें नहीं करना होगा, जिससे हमारे परिवार की बदनामी हो। आज देश को युवाओं से बहुत आशा हैं। कार्यक्रम में उपस्थित शेख अंजुम, उपकुल सचिव ने अपने वक्तव्य में विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए हमें स्वयं मजबूत होना होगा तथा प्रतिज्ञा करनी होगी। ऐसे दोषियों का साथ न देते हुए उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए प्रयासरत रहना होगा। संस्थान के शिक्षक गजेन्द्र सिंह ने रंगोली के माध्यम से रेप पीड़िता के प्रति अपनी संवेदना प्रगट करते हुए कहा कि हम उस वक्त ये क्यों भूल जाते हैं कि हमारे घर मे भी नारी माँ, बहन, बेटी, पत्नी के रूप में हैं। संस्थान के छात्रों ने अपने अपने चित्रों में सजीवता और विचारणीय जवलंत मुद्दों को बारीकी से अध्ययन कर चित्रांकन किया। ललित कला संस्थान की समन्वयक एवं रासेयो की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ.श्वेता पाण्डेय ने छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपने अपनी कला की कूचीं से जो चित्र बनाये उनमें समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता नजर आ रही है। हमें मिलकर ऐसे कृत्यों का विरोध कंधे से कंधा मिलाकर करना चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए सजग होना चाहिए। डॉ. पाण्डेय ने नारी के सहनशील गुणों का व्याख्यान करते हुए उनके विभिन्न पहलुओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। संस्थान के छात्र छात्राओं से दुष्कर्म जैसे काण्ड ओर दोषियो को कड़ी सजा दिलाने के लिये सरकार की ओर बनाये गए कानून की बारीकियों से अवगत कराया। इस अवसर पर दिलीप कुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. रानी शर्मा ने भी अपने विचार प्रकट किये। संस्थान के 100 से भी अधिक विद्यर्थियों ने अपनी कला के माध्यम से रेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिये जनमानस के मध्य सार्थक पहल की।