इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। श्रीमद्भागवत कथा सभी कथाओं में से श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर कथा का आयोजन किया जाता है, उसे तीर्थस्थल कहा जाता है। इसको सुनने व आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है। कथा का श्रवण करने वाला पापों से मुक्ति पा लेता है। उक्त बातें तीर्थराज प्रयाग से आईं सरस कथा वाचक निकेता त्रिपाठी ने बुधवार को नगर के मधारे टोला में अश्वनी सिंह के यहां आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में कही।उन्होंने सर्वप्रथम कलश यात्रा की महिमा, श्रीमद् भागवत महापुराण कथा की महिमा, भक्ति ज्ञान वैराग्य की कथा पर विस्तार से प्रकाश डाला। भक्तों को एक धुंधकारी नामक पापी की कथा सुनाई और भक्तों को बताया कि किस प्रकार से भागवत कथा श्रवण मात्र से ऐसे पापी का उद्धार हो गया। भागवत कथा भागवत कल्पवृक्ष है। आप जिस मनोरथ के साथ श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करेंगे, आपके उस मनोरथ की सिद्धि होगी। आप अगर निर्धन हैं, धन की इच्छा लेकर सुनेंगे तो धनवान होंगे। रोगी हैं, निरोगी काया की इच्छा लेकर अगर कथा सुनेंगे तो निरोगी काया प्राप्त होगी। श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है।कथा संचालक ऋशुभ त्रिपाठी ने बताया कि इस कथा का सीधा प्रसारण उनके यूट्यूब चैनल और फेसबुक चैनल पर किया जाता है। कथा से पूर्व मुख्य यजमान अश्वनी सिंह व ज्योत्सना सिंह ने व्यासपीठ का पूजन करके आरती उतारी। इस अवसर पर विवेक सिंह, सनी सिंह, शारदा प्रसाद सिंह, रणविजय सिंह, गौरी सिंह, अंकित सिंह, अमित साहू, डब्बू सहित तमाम श्रद्धालु मौजूद रहे।