इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के पुराने मछलीशहर पड़ाव पर बीते 25 अगस्त को करंट लगने और नाले में बहने से प्राची मिश्रा समेत 3 लोगों की मौत हो गई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को जांच करने और 18 दिसम्बर तक अपनी आख्या कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
सीजेएम कोर्ट में वाद दर्ज
मृतका प्राची मिश्रा की बहन साक्षी मिश्रा निवासी मियांपुर लाइन बाजार ने अपने अधिवक्ताओं उपेंद्र विक्रम सिंह एवं हिमांशु श्रीवास्तव के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया था। प्रार्थना पत्र में निम्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गैरइरादतन हत्या (IPC 304A) के आरोप में नामजद किया गया है—— नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद, अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग (जौनपुर शहरी), अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग (PWD), मुख्य राजस्व अधिकारी/नोडल अधिकारी नगर निकाय, अधिशासी अभियंता जल निगम (नमामि गंगे व अमृत योजना के नोडल अधिकारी) सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी हैं।
घटना का विवरण
प्रार्थना पत्र के अनुसार बीते 25 अगस्त 2025 को शाम 5 बजे मछलीशहर पड़ाव के निकट सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों में बारिश का पानी भरा हुआ था। उसी स्थान पर बिजली के पोल का टूटा व जर्जर तार नीचे लटक रहा था जिससे पानी में करंट प्रवाहित हो रहा था। प्राची मिश्रा, जो ब्यूटीशियन का कोर्स करके वापस लौट रही थीं, वहां से गुजरते समय करंट की चपेट में आ गईं। करंट लगने के बाद वह झुलसकर बिना ढक्कन की टूटी नाली में गिर गईं और बहती चली गईं। घटना के लगभग 28 घंटे बाद उनका शव खुले नाले से बरामद हुआ। इस दुर्घटना में कुल तीन लोगों की मौत हुई।
अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप
अर्ज़ी में कहा गया है कि सभी विभागों को खुले तार, गड्ढेदार सड़क और खुली नालियों की जानकारी थी। विद्युत विभाग ने तार की मरम्मत नहीं की। PWD ने सड़क के गड्ढे सही नहीं किये। नगर पालिका ने नालियों को बिना ढक्कन छोड़े रखा। नोडल अधिकारी द्वारा मॉनिटरिंग नहीं की गई। आरोप है कि अधिकारियों को खतरे की पूरी जानकारी होने के बावजूद कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया गया जिसके कारण तीन लोगों की मृत्यु हुई जिसे याचिका में गंभीर लापरवाही एवं उपेक्षा बताया गया।
पुलिस सुनवाई न होने पर न्यायालय की शरण
साक्षी मिश्रा ने थाना व एसपी को प्रार्थना पत्र दिया था परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया जिस पर कोर्ट ने मामला गंभीर मानते हुए एडीएम को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
सीजेएम कोर्ट में वाद दर्ज
मृतका प्राची मिश्रा की बहन साक्षी मिश्रा निवासी मियांपुर लाइन बाजार ने अपने अधिवक्ताओं उपेंद्र विक्रम सिंह एवं हिमांशु श्रीवास्तव के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया था। प्रार्थना पत्र में निम्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गैरइरादतन हत्या (IPC 304A) के आरोप में नामजद किया गया है—— नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद, अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग (जौनपुर शहरी), अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग (PWD), मुख्य राजस्व अधिकारी/नोडल अधिकारी नगर निकाय, अधिशासी अभियंता जल निगम (नमामि गंगे व अमृत योजना के नोडल अधिकारी) सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी हैं।
घटना का विवरण
प्रार्थना पत्र के अनुसार बीते 25 अगस्त 2025 को शाम 5 बजे मछलीशहर पड़ाव के निकट सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों में बारिश का पानी भरा हुआ था। उसी स्थान पर बिजली के पोल का टूटा व जर्जर तार नीचे लटक रहा था जिससे पानी में करंट प्रवाहित हो रहा था। प्राची मिश्रा, जो ब्यूटीशियन का कोर्स करके वापस लौट रही थीं, वहां से गुजरते समय करंट की चपेट में आ गईं। करंट लगने के बाद वह झुलसकर बिना ढक्कन की टूटी नाली में गिर गईं और बहती चली गईं। घटना के लगभग 28 घंटे बाद उनका शव खुले नाले से बरामद हुआ। इस दुर्घटना में कुल तीन लोगों की मौत हुई।
अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप
अर्ज़ी में कहा गया है कि सभी विभागों को खुले तार, गड्ढेदार सड़क और खुली नालियों की जानकारी थी। विद्युत विभाग ने तार की मरम्मत नहीं की। PWD ने सड़क के गड्ढे सही नहीं किये। नगर पालिका ने नालियों को बिना ढक्कन छोड़े रखा। नोडल अधिकारी द्वारा मॉनिटरिंग नहीं की गई। आरोप है कि अधिकारियों को खतरे की पूरी जानकारी होने के बावजूद कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया गया जिसके कारण तीन लोगों की मृत्यु हुई जिसे याचिका में गंभीर लापरवाही एवं उपेक्षा बताया गया।
पुलिस सुनवाई न होने पर न्यायालय की शरण
साक्षी मिश्रा ने थाना व एसपी को प्रार्थना पत्र दिया था परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया जिस पर कोर्ट ने मामला गंभीर मानते हुए एडीएम को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।