इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
खेतासराय, जौनपुर। श्रीराम जानकी मन्दिर ठाकुरद्वारा भारती विद्यापीठ में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के शुक्रवार को तीसरे दिन कथा व्यास अखिलेश चन्द्र मिश्र ने विदुर जी की कथा सुनाते हुए यह बताया कि भगवान भाव के ही भूखे हैं। भगवान ने दुर्योधन के छप्पन भोग त्याग करके विदुर जी के यहाँ साग/केले का छिलका खाये, क्योंकि दुर्योधन के मन मे अभिमान था और विदुर के मन भाव था। भगवान कपिल जी के अवतार की कथा मे सांख्य योग प्रतिपादित करते हुए प्राणिमात्र की सेवा को ही उन्होंने असली भक्ति बताया। ध्रुव चरित्र सुनाकर उन्होंने बताया कि भगवत्स्मरण की कोई अवस्था नही है। 5 वर्ष की अवस्था मे ध्रुव जी ने गोविंद का सान्निध्य प्राप्त किया। कार्यक्रम आयोजक/प्रबंधक अनिल उपाध्याय ने पूजन किया। यजमान के रूप में प्राचार्य विनय सिंह और उनके स्टाफ ने पूजन करके कथा का शुभारम्भ कराया। इस अवसर पर सुनीता मिश्रा, वीटी स्टाफ, कृष्ण मुरारी मौर्य, विजय पाण्डेय, राज नारायण दूबे, मनीष गुप्ता सहित तमाम पत्रकार आदि उपस्थित रहे।