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रायबरेली:रसूख,सिक्कों की खनक से ठण्डा पड़ा स्वास्थ्य व प्रशासन का हनक,फिर मौत का कर रहे इंतजार।

इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क

सलोन,रायबरेली। कहते हैं कि एक विवाहिता अपने पति की जीवन संगिनी होती है। पत्नी को अगर खरोंच भी लग जाये तो पति ही नहीं पूरा परिवार गम में डूब जाता है। जिले के सलोन तहसील क्षेत्र में धरती के भगवान कहे जाने वाले डाक्टर की भेष में हैवान बने झोलाछाप डॉक्टरों ने चंद रुपयों की लालच में विवाहिता को मौत के आगोश में धकेल कर ऐसा जख्म दिया जोकि उसके परिजनों का ताउम्र नहीं भरने वाला है सलोन तहसील प्रशासन से लेकर जिले के सीएमओ तक का ढीला और सुस्त रवैया सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। अखबार में छपी इस तस्वीर को जरा गौर से देखिए। ये वही झोलाछाप डॉक्टरों का अजंता हॉस्पिटल है जहां अभी चार दिन पहले विवाहिता के शरीर को किसी जानवर की तरह चीर-फाड़ कर एक पति का जीवन उजाड़ दिया जाता है। इतना सब होने के बाद भी रसूख सिक्कों की खनक के आगे सलोन तहसील प्रशासन व स्वास्थ्य महकमा का रुतबा इस कदर बौना हुआ की लाचार पति के जीवन से एक विवाहिता ने विदाई ले ली।एक ऐसे झोलाछाप डॉक्टर जिनका दुस्साहस व हौसला इस कदर बढा की सलोन कोतवाली क्षेत्र स्थित पाल्हीपुर गांव निवासिनी एक विवाहिता जो कि सलोन सीएचसी व जिला अस्पताल से रेफर हो जाती है किन्तु बेखौफ झोलाछाप डॉक्टरों का हौसला देखिए डिलिवरी पीड़ित महिला का झोलाछाप रुपयों की लालच में आपरेशन तक का ठेका ले लिया। फिर क्या था सलोन कस्बे के नवीन मंडी स्थल के ठीक सामने झोलाछाप डॉक्टरों ने अजंता हॉस्पिटल नाम के अवैध हास्पिटल में उस जिला अस्पताल रेफर महिला को भर्ती कर लिया और चीर फाड़ में जुट गए। किन्तु मामला वहां बिगड़ा जब महिला के पेट से रक्तस्राव थमने का नाम नहीं ले रहा था।
इतने पर भी झोलाछाप डॉक्टरों ने तौबा नहीं बोला और अपने कारनामों पर पर्दा डालने के उद्देश्य से रायबरेली लखनऊ नहीं बल्कि अपने प्राइवेट वाहन से सीधा प्रयागराज लेकर भाग खड़े हुए। जहां पर लाचार पति ने अपनी पत्नी को बचाने की खातिर अपनी शरीर से खून भी दिया। किन्तु तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उसकी डिलीवरी पीड़ित पत्नी मौत की नींद सो चुकी थी। चीख पुकारें मची मृतक महिला के परिजनों ने अवैध अजंता हास्पिटल के सामने हंगामा खड़ा कर दिया।
झोलाछाप डॉक्टर अपना बैनर उखाड़कर भाग खड़े हुए।
मृतक के परिजन कार्यवाही पर अडे रहे किन्तु थाना पर दिन भर चले सांठ-गांठ के खेल ने सारा मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया और चर्चा है की डिलिवरी पीड़ित महिला की मौत की कीमत नोटों की गड्डियों से आंकी गई और अवैध अंजता हास्पिटल के झोलाछाप डॉक्टर एक बार फिर से डाक्टर के भेष में यमराज बनकर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की जान से खिलवाड़ करने के लिए निश्चित होकर बैठ गये। किन्तु सिस्टम पर सवाल उस समय खड़ा होता जब स्वास्थ्य, तहसील प्रशासन व महकमा इस मौत के खेल को देखने के बावजूद अब तक चुप्पी साध रखे हैं।जानकारी लेने पर स्वास्थ्य महकमा पुलिसिया कार्यवाही का इंतजार करता है और पुलिस महकमा स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही का इंतजार करता है। अब देखना यह है की सलोन तहसील क्षेत्र में अवैध हास्पिटल क्लीनिक व मेडिकल स्टोरों को कब तक स्वास्थ्य महकमा जिंदगी से खिलवाड़ करने के लिए ठेका दिए रहेगा यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।