इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
>नहीं पसीजे डाक्टर, अमेठी जिले के शिव रतनगंज के जैदपुर की रहने वाली बतायी जा रही बच्ची।
रायबरेली। इलाज के अभाव में फर्स पर तड़पती दुधमुंही को देखकर हर किसी का दिल द्रवित हो गया किंतु निर्दयी डाक्टरों का दिल नहीं पसीजा। सूबे के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक लाख दावे करें कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की स्थिति बेहतर हो रही है लेकिन लगातार अस्पतालों की अव्यवस्थाओं की खबरें उनके दावों की पोल खोल देती हैं। रायबरेली जिला अस्पताल में एक 8 साल की मासूम बच्ची जमीन पर तड़पती रही लेकिन उसे एक स्ट्रेचर तक नहीं मिला। बताया जा रहा है कि अमेठी जिले के शिव रतनगंज के जैदपुर के रहने वाली सरोज अपनी 8 वर्षीय बेटी निशा का उपचार कराने के लिए रायबरेली आई थी। यहां पर अचानक ही उसकी बेटी को झटके आने लगे। डॉक्टर ने उसकी जांच की। कुछ ना समझ आने पर उसे एम्स के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद डॉक्टर व स्टाफ का रवैया लापरवाही भरा दिखा। मासूम बच्ची जमीन पर तड़पती रही लेकिन उसे स्ट्रेचर की सुविधा नहीं दी गई। किसी तरह मासूम की मां बच्ची को अपनी गोद में ही उठाकर ले जाती दिखी। मासूम की मां सरोज ने रोते हुए कहा कि डॉक्टर स्ट्रैचर नही दे रही थी। बच्ची की इस हालत में वह कैसे अपनी बेटी को कहीं एडमिट कराने ले जाये। जिला अस्पताल आने वाले रोगियों के साथ क्या सलूक किया जाता है इसका अंदाजा इस दृश्य से लगाया जा सकता है।