इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। 'राम ही राष्ट्र हैं और राष्ट्र ही राम हैं'। राम जन जन के प्राण हैं और सभी के प्राण में बसे राम हैं। राम के बिना भारत भारतीय और भारतीयता की संकल्पना अपूर्ण है। राम जन्म के अनेक कारण है ... गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री रामचरितमानस में लिखा है- विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार। निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गोपार।। उपरोक्त उद्गार अखिल भारतीय संत समिति/ गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री परम पूज्य स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज ने 'उन्मेष' प्रज्ञा प्रवाह जनपद मछलीशहर मंडल काशी प्रांत के तत्वाधान में आयोजित 'जन-मन में बसे राम' विषयक व्याख्यान माला के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए आदर्श श्री वासुदेव शिक्षण संस्थान गुतवन के विशाल सभागार में उपस्थित प्रबुद्ध जनों को संबोधित करते हुए कही।
>भारत माता को पुनः परम वैभव के पद पर स्थापित करना हमारा लक्ष्य।
विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए पूर्वी एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्र संयोजक श्रीमान भगवती प्रसाद 'राघव'जी ने कहा कि सज्जन शक्तियों के एकत्री करण व संगठित करने का कार्य प्रज्ञा प्रवाह अपने संगोष्ठी, चर्चा केंद्र, व्याख्यान माला के माध्यम से कर रहा है, जिसका लक्ष्य भारत माता को पुनः परम वैभव के पद पर स्थापित करना है और भारत को विश्व गुरु के पद पर आसीन करना है। हमें नवीन पीढ़ी को भगवान राम के आदर्श को बताना है।अध्यक्षीय उद्बोधन ने बोलते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ जनपद के अध्यक्ष एवं प्रज्ञा प्रवाह जौनपुर मंडल के संयोजक संतोष सिंह ने उपस्थित प्रबुद्ध जनों को भगवान राम के आदर्श पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें भगवान राम के जीवन चरित्र का संपूर्ण अध्ययन करना होगा, भगवान राम के आचरण द्वारा बताए गए आदर्श एवं प्रतिमान को अपने जीवन में उतारना होगा तभी हम भारत को भव्य भारत बना सकेंगे।
>भगवान के राम के जीवन के प्रत्येक पहलू का अध्ययन करने की जरूरत।
विषय प्रवर्तन करते हुए 'उन्मेष' प्रज्ञा प्रवाह काशी प्रांत के सहसंयोजक संतोष त्रिपाठी ने कहा कि भगवान राम ने वन जाने का निर्णय कर अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन किया। पंचवटी में निवास स्थान बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। गिद्धराज जटायु को अपनी गोद प्रदान कर सामाजिक समरसता का भी संदेश दिया। भगवान राम के जीवन के प्रत्येक पहलू का अध्ययन करेंगे तो हम पाएंगे उनका जीवन एक आदर्श जीवन रहा और वह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम कहलाए। इसके पूर्व मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन किया गया। आचार्य पवन द्वारा वंदे मातरम के सभी पांच पद सस्वर प्रस्तुत किये गये।
>कई सम्मानित विशिष्टजन रहे उपस्थित।
'उन्मेष' काशी प्रांत युवा आयाम प्रज्ञा प्रवाह के प्रांतीय टोली के सदस्य पंडित शनी शर्मा भट्ट जी द्वारा मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराया गया। व्याख्यान माला का संचालन जौनपुर मंडल के सहसंयोजक अध्यापक डॉ. कीर्ति सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम संयोजक, आदर्श श्री वासुदेव शिक्षण संस्थान के प्रबंधक प्रज्ञा प्रवाह मछली शहर जनपद के संयोजक संजीव कुमार सिंह ने उपस्थित प्रबुद्ध जनों का आभार जताते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डॉ. चंद्रेश सिंह प्रबंधक, प्रदीप कुमार दुबे, पंडित ब्रह्मदेव उपाध्याय, पंडित राज कृष्ण शर्मा, ध्रुव कुशवाहा, ओम प्रकाश गुप्त, डॉ. ब्रह्मेश शुक्ल पंडित, अंजनी कुमार मिश्रा, सुरेंद्र जायसवाल, उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य सरदार जसविंदर सिंह, जेपी सिंह होर्डिंग, अनुज कुमार मिश्रा, विनय दुबे, पंडित जटाशंकर त्रिपाठी, पंडित कालानाथ मिश्र, मनीष सिंह पट्टी, राघवेंद्र प्रताप सिंह, लक्ष्मीकांत शुक्ला, अनिल कुमार सिंह गुतवन, विनय कुमार सिंह गुतवन, शिवांश त्रिपाठी, शुभम निषाद, राज यश विसेन, पार्थ मिश्रा सहित विद्यालय के प्रधानाचार्य शिक्षक बंधु एवं भगिनी विद्यार्थी एवं सैकड़ों प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।