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Jaunpur News : ​डा. राजा रत्नम दिल्ली में किये गये सम्मानित

नई दिल्ली। एमएसएमई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार सहित अन्य संगठनों के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई फोरम द्वारा नई दिल्ली में "ग्लोबल सबमिट अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ। सम्मेलन का विषय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप एमएसएमई क्षेत्र में भारत के साथ अन्य देशों में विस्तार करना जरूरी है। ऑस्ट्रिया, पेरू, भूटान, वियतनाम, उज्बेकिस्तान, तिमुर सहित अन्य देशों के अलावा विभिन्न राष्ट्र के राजदूतों/देशों के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
इस मौके पर रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री दिल्ली ने बताया कि भारत विभिन्न क्षेत्रों में अन्य देशों के विकास में सहायता करने के साथ-साथ स्वयं भी विकास करने में सक्षम है जिसका उद्देश्य विशेष रूप से दक्षिणी वैश्विक देशों के साथ जीत की स्थिति बनाना है। मुख्यमंत्री ने विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना पर बल दिया। विभिन्न पैनल चर्चाएं आयोजित की गई और विभिन्न राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने कृषि, डेयरी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, सूचना तकनीक सहित अन्य क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहजीवी आधार पर संयुक्त गतिविधियों के लिए अपनी गहरी रुचि दिखाई। इस संदेश के अतिरिक्त अन्य देशों के विभिन्न प्रतिनिधिगण, विशेषज्ञों और गणमान्य व्यक्तियों ने अपने बहुमूल्य व्याख्या देते हुए वसुदेव कुटुम्बकम् के दर्शन के तहत प्रतिबद्धताओं के साथ इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के विषय का समर्थन किया।
एमएसएमई के उद्यम पंजीकरण के अंतर्गत आने वाले सभी उल्लेखनीय व्यक्तियों के योगदान को मान्यता देने के लिए, कृषि, डेयरी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, सूचना प्रौ‌द्योगिकी और अन्य संबंधित उ‌द्योगों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सम्मानित किया गया, चयन समिति के पैनलिस्ट दीपक वोहरा, डॉ. शरद खोली और डॉ. संदीप मारवाह ने संबंधित क्षेत्रों में बेहतर निरंतर योगदान देने वाले व्यक्तियों का चयन किया।
डॉ. राजा रथिनम पूर्व सीईसी सदस्य और भारतीय डेयरी संघ के आजीवन सदस्य तथा यूएनडीपी द्वारा शुरू की गई परियोजना "स्वयं क्षीर उत्पादक कंपनी" के प्रबंध निदेशक को डेयरी और कृषि क्षेत्र के अंतर्गत "उत्कृष्ट उद्यमी पुरस्कार" प्रदान करके सम्मानित किया गया। विभिन्न राष्ट्रों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पुरस्कार ग्रहण करते हुए डॉ. राजा रथिनम ने बताया कि हमारी तकनीक, नवाचार और उद्यमिता, विशेष रूप से डेयरी और कृषि क्षेत्र में जरूरतमंद राष्ट्रों के साथ सहजीवी संबंध स्थापित करने के अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगी जो हमारे प्रधानमंत्री का विकसित भारत का विजन भी है। उन्होंने प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वे डा. राजा रत्नम से संपर्क करें, ताकि पारस्परिक सहमति के आधार पर अन्य राष्ट्रों के किसानों की सहायता के लिए संयुक्त प्रयास शुरू किए जा सके। सम्मेलन के संयोजक हरीश चंद ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए उ‌द्योगों सहित अन्य हितधारकों के लाभ के लिए इस वैश्विक सम्मेलन की सिफारिशों का रोडमैप आगे लाने का आश्वासन दिया। उक्त अवसर पर तमाम हस्तियों की उपस्थिति रही।