सरायख्वाजा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के साइबर क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लाया गया ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 आमजन के हित में ऐतिहासिक निर्णय है। कानून बनने के बाद उन मोबाइल एप्स और वेबसाइटों पर रोक लगेगी जो गेम खेलने के नाम पर लोगों को मुनाफा कमाने का लालच देकर ठगी और साइबर अपराध को बढ़ावा देते थे।
डॉ. राठौर ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग हमारे देश के युवाओं को बर्बादी की ओर धकेल रहा था। अनुमान के मुताबिक देश के 45 करोड़ लोगों ने रियल मनी गेमिंग में अब तक लगभग 20 हजार करोड़ रुपये गंवाए हैं। यह धनराशि कुछ कंपनियों और संगठित गिरोहों के पास पहुंच रही थी। फर्जी एप्स के जरिए बड़े स्तर पर साइबर अपराध भी हो रहे थे जिन पर अब लगाम लग सकेगी। उन्होंने बताया कि बिल में सरकार केवल उन्हीं गेमिंग एप्स पर रोक लगाएगी जिनमें वित्तीय लेन-देन शामिल होता है जबकि मनोरंजन और शैक्षणिक उद्देश्य वाले ई-गेम्स इस दायरे से बाहर रहेंगे।डॉ. राठौर ने कहा कि पैसों का लालच देकर गेमिंग एप्स पर लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई गंवा रहे थे। कभी-कभार पैसा जीतने के बाद वे उसी चक्कर में फंसकर लगातार नुकसान उठाते थे और कंगाल हो जाते थे। ऐसी परिस्थितियों में कई लोगों ने आत्महत्या जैसे कदम भी उठाए हैं। सरकार का यह कदम युवाओं और समाज दोनों को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा और सार्थक प्रयास है।