इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
सुइथाकला, जौनपुर। विख्यात सन्त बाबा जयगुरुदेव जी ने अच्छे समाज के निर्माण व आध्यात्मिक चेतना को जगाकर भगवान की भक्ति में लगाने का जिस आध्यात्मिक वैचारिक क्रान्ति का सूत्रपात अपने जीवन काल में किया था। उसके निरन्तर विस्तार के कार्य में उनके उत्तराधिकारी पंकज जी महाराज संलग्न हैं। इसी प्रयोजन से वह इस समय जौनपुर जिले में न्याय पंचायत स्तर पर 122 दिवसीय सघन सत्संग भ्रमण कर रहे हैं।इसी क्रम में वह विकास खण्ड खुटहन के ग्राम चक कुतबी में अपने काफिले के साथ पड़ाव किये। यहां आयोजित धर्म सभा में प्रवचन करते हुये उन्होंने कहा कि 84 लाख योनियों में सर्वश्रेश्ठ मानव शरीर आपको मिल गया तो आप अपने भाग्य की सराहना कीजिये। इससे बढ़कर यह है कि सत्संग सुनने का षुभ अवसर मिल रहा है। सत्संग से ही बोध होगा कि जीवात्मायें मानव शरीर में कहां से आ रही है? मृत्यु के बाद कहा जा रही है? इसका नियन्त्रण कहां से और कैसे हो रहा है? ये सभी मानव मात्र के जटिल प्रष्न हैं। जब आप को जीते जी प्रभु की प्राप्ति करने वाले सन्त, सत्गुरु मिल जायेंगे तो आत्मा-परमात्मा का गूढ़, ज्ञान आप को बता देंगे।उन्होंने आगे कहा कि यह हमेशा याद रखना है कि सारी आत्मायें अजर-अमर देष सतलोक से आई हैं जो शब्द यानि नाम पर उतार कर लाई गई। अब उसका सम्बन्ध षब्द से टूट गया और इसे अपने अस्तित्व का बोध नहीं रहा। पहले सुरत-षब्द योग (नाम योग) की साधना की जानकारी नगरों तक तथा कुछ लोगों को थी लेकिन इस कलियुग में परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी ने इसे अपने अथक परिश्रम व आध्यात्मिक षक्ति का सहारा देकर इसे जन सुलभ बना दिया। इसमें करोड़ों लोगों को लगा दिया जो नित्य सुरत षब्द की साधना करके अपना जीवन सफल बना रहे हैं। जो रास्ता आपको बताया गया, वह सही है। आप करेंगे तो अनुभव होगा और गुरु की महिमा का बोध होगा, इसीलिये संतों की वाणी है कि 'गुरु की पूजा में सबकी पूजा! जस समुद्र में नदी समाजा।'उन्होंने स्मरण कराते हुये कहा दुर्योधन की सभा में द्रोपदी के चीरहरण के समय भीश्म पितामह, द्रोणाचार्य आदि बैठे थे। किसी ने मना नहीं किया। उसका परिणाम महाभारत का भीशण नर संहार इतिहास के पन्नों में बंद है। वर्तमान में भी नारियों की लज्जा का हरण क्या संकेत करता है? सोचने का विशय है। बाबा जयगुरुदेव जी ने कह रखा है ''पत्ता-पत्ता झुलस उठेगा एटम के अंगारों से। धरती का सारा आंगन लाशों से पट जायेगा। ''इसलिये अभी समय है। लोग हिंसा अपराध को छोड़कर शाकाहारी बनें, षराब आदि नषों को त्यागें। इस आध्यात्मिक वैचारिक क्रान्ति में जुड़कर अच्छे समाज के निर्माण का हिस्सा बनें।इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, बालेन्द्र मिश्र, बाबूराम यादव, प्रेमचन्द यादव, सहयोगी संगतों के कश्मीर सिंह, पूरन लाल गंगवार, प्रेमशंकर रस्तोगी सहित तमाम लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद जनजागरण यात्रा अगले पड़ाव उच्च प्राथमिक विद्यालय भगासा के लिये प्रस्थान कर गई। यहां बुधवार को अपरान्ह 12 बजे से सत्संग होगा।
>सूर्यपाल गंगा प्रसाद सिंह न्यू माडर्न पब्लिक स्कूल पहुंचे महाराज।
स्थानीय विकास खण्ड स्थित श्री सूर्यपाल गंगा प्रसाद सिंह न्यू माडर्न पब्लिक स्कूल गंगा आश्रम ईशापुर परिसर में जय गुरुदेव महाराज के उत्तराधिकारी एवं धर्म प्रचारक और संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महराज की कथा का आयोजन हुआ। विद्यालय के प्रबंधक देवेश सिंह ने बताया कि मंगलवार को अपराह्न महाराज जी के आगमन पर भक्तगणों एवं विद्यालय के बच्चों द्वारा कलश यात्रा एवं रंगोली और जय जयकार करते हुए भव्य स्वागत किया गया। बुधवार 11 बजे से सदगुरु महराज की कथा का आयोजन किया गया है। गुरु जी अपनी कथा के माध्यम से सभी मनुष्य को शाकाहारी, नशामुक्ति, सदाचार, चरित्र उत्थान, अच्छे समाज का निर्माण, मानव प्रेम, एकता, साम्प्रदायिक सौहार्द जैसे मानव प्रेरक संदेश देश भर में दे रहे हैं।