इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
सिद्दीकपुर, जौनपुर। उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो० आर०बी० कमल के संरक्षण में डा० विनोद वर्मा विभागाध्यक्ष मानसिक रोग विभाग ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन अस्पताल भवन के मानसिक रोग विभाग में किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य प्रो० आर०बी० कमल ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में जहाँ हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के मानसिक दबाव से गुजर रहा है, वहाँ मानसिक संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक हो गया है। स्वस्थ मन ही स्वस्थ शरीर का आधार है। यदि हमारा मन शांत, स्थिर और सकारात्मक रहेगा तो हम किसी भी परिस्थिति का सामना साहसपूर्वक कर सकते हैं।मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो० ए०ए० जाफरी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल डॉक्टरों या विद्यार्थियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर मरीज और उसके परिवार के लिए भी उत्तना ही महत्वपूर्ण है। अस्पताल में आने वाला प्रत्येक मरीज केवल शारीरिक रोग से नहीं, बल्कि मानसिक चिंता और भय से भी गुजरता है, इसलिये हमारा कर्तव्य है कि हम उसे संवेदनशीलता, सहानुभूति और सकारात्मक व्यवहार से उपचार दें। मरीज के प्रति हमारा व्यवहार ही उसके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार का पहला कदम हो सकता है।डा. विनोद वर्मा विनागाध्यक्ष साइकेंट्री विभाग ने बताया कि हर वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष इसकी विषय वस्तु है। "संकटों और आपदाओं के दौरान मानसिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सुनिश्चित करना है। डब्लूएचओ के अनुसार हर 8 में से 1 व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से जूझ रहा है। भारत में लगभग 10.6 प्रतिशत लोग किसी न किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार बेरोजगारी, पढ़ाई में असफलता, प्रतियोगी माहौल में दबाव, पारिवारिक अपेक्षाएं और सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग युवाओं के मानसिक संतुलन को प्रभावित कर रहा है। कई युवा अपनी असफलता या निराशा से उबर नहीं पाते और चरम कदम उठा लेते हैं।राहुल सिंह सहायक आचार्य मानसिक रोग विभाग ने बताया कि ज्यादातर लोगों में सामान्य मानसिक बीमारियां होती हैं। जैसे अवसाद, चिंता, नींद की समस्या लेकिन कुछ लोगों में गम्भीर मानसिक बीमारियां होती हैं जिसका यदि समय रहते इलाज कराया जाय तो बीमारी ठीक की जा सकती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद 6 से 8 घंटे लेनी चाहिए, संतुलित आहार शारीरिक व्यायाम करना चाहिए और अधिक समस्या होने पर मानसिक रोग चिकित्सक को सलाह लेनी चाहिये।डा. ईशा दत्त पाण्डेय सीनियर रेजिडेंट मानसिक रोग विभाग ने मेंटल हेल्थ के विषय वस्तु के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुये बताया कि जब कोई प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, महामारी जैसी बात करते हैं। अक्सर ध्यान शारीरिक, नुकसान और आर्थिक हानि पर ज्यादा केंद्रित होता है जबकि मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाला असर अनदेखा रह जाता है। जो लोग इस तरह की आपदा का सामना करते हैं, उन्हें आगे चलकर अवसाद, चिन्ता, नींद की समस्या से जूझना पड़ता है।इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य प्रो० आशीष यादव, आउटसोर्स प्रभारी प्रो० उमेश सरोज, चिकित्सा अधीक्षक डा० विनोद कुमार, चिकित्सा शिक्षक डा० अचल सिंह, डा० हमजा अंसारी, डा० आदर्श यादव, डा० ममता, डा० नवीन, डा० बन्द्रभान, डा० रेनू कुमार सहित तमाम अन्य चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारी, कर्मचारी, छात्र/छात्राएं, मरीज, तीमारदार आदि उपस्थित रहे।