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Jaunpur : ​रुक्मिणी विवाह की कथा सुन व झांकी देख भाव विभोर हुए भक्त।

इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क 

जौनपुर। प्रयागराज से पधारीं पूज्या निकेता त्रिपाठी ने कथा के षष्ठम दिवस पर बहुत ही मनमोहक व भावविभोर कर देने वाली कथा श्रवण करवाईं। सर्वप्रथम दीदी जी ने भक्तों को बताया कि कंश के कहने में अक्रूर जी वृंदावन आते हैं और श्री कृष्णा जी को अपने साथ मथुरा ले जाते हैं। जब श्री कृष्ण मथुरा जाते है तो यहां नन्द बाबा, यशोदा जी और सभी गोपियां और राधा रानी जी सभी का रो रोकर बुरा हाल हो जाता है। जब कृष्ण मथुरा पहुंचते है तो वे सबसे पहले कुबरी का उद्धार करते हैं और उसके बाद कंश का वध करते हैं और कुछ दिन बाद एक दिन कृष्ण जी को वृंदावन की याद आती है तो वे उद्धव जी से वृंदावन अपना संदेशा भेजते हैं और फिर जब भगवान युद्ध के बीच में मथुरा छोड़कर द्वारिका जाते हैं तभी से श्री कृष्ण रणछोड़ कहलाते हैं और द्वारिका पहुंच कर ही श्री कृष्ण जी माता रुक्मिणी जी से भी विवाह करते हैं। कथा का संचालन कर रहे नितिन त्रिपाठी ने बताया कि कथा यजमान अश्वनी सिंह व उनकी धर्म पत्नी ज्योत्सना सिंह द्वारा बहुत ही धूमधाम से ढोल नगाड़े के साथ भगवान की बारात निकाली गई और प्रभु के सुंदर विवाह की झांकी भी दिखाई गई जिसे देख सभी भक्त भाव विभोर हो गए। सभी भक्तों ने पाव पूजन भी किया। इस अवसर पर अश्वनी सिंह व उनकी धर्म पत्नी ज्योत्सना सिंह, अमित कुमार समेत सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।