इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
बक्शा, जौनपुर। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत पंकज जी महाराज की 122 दिवसीय शाकाहार-सदाचार एवं मद्यनिषेध आध्यात्मिक वैचारिक जनजागरण यात्रा अपने 104वें पड़ाव पर मंगलवार को बक्शा ब्लॉक के अंतिम पड़ाव मरी माई मंदिर के पास, अगरौरा बरपुर पहुँची। स्थानीय जनमानस ने संत जी का भावपूर्ण स्वागत किया। अपने सत्संग संदेश में संत पंकज जी महाराज ने 'शब्द' की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शब्द ही हमारे जन्म-मरण का आधार है और इसी पर जगत की रचना टिकी है। नानक जी के कथन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि, शब्दहि धरती, शब्दहि आकाशा, शब्दहि शब्द भयउ प्रकाशा। शब्द का भेद: उन्होंने शब्द को दो प्रकार का बताया– वर्णात्मक (जगत व्यवहार के लिए) और ध्वनात्मक (जीव को जगत में लाने और ले जाने वाला)। उन्होंने समझाया कि मृत्यु के समय यमदूत इसी ध्वनात्मक शब्द की डोरी को तोड़ देते हैं, जिससे शरीर निष्तेज होकर गिर जाता है। मानव जीवन का उद्देश्य बताते हुए उन्होंने जोर दिया कि मनुष्य को यह अनमोल तन केवल खाने-पीने और मरने के लिए नहीं मिला है, बल्कि यह प्रभु के भजन के लिए है। उन्होंने कलियुग में साधना को सरल बताते हुए कहा कि कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिरि-सुमिरि नर उतरहिं पारा। महाराज जी ने उपस्थित लोगों को नामदान देकर सुमिरन, ध्यान और भजन की तीनों क्रियाओं को विधिवत् समझाया। समाज सुधार और अपील संत ने लोगों से शाकाहार अपनाने, नशा त्यागने और चरित्रोत्थान की अपील की। उन्होंने कहा कि समाज के प्रबुद्धजनों को समाज सुधार के इस कार्य में योगदान देना चाहिए, ताकि एक अच्छे समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने युवा पीढ़ी को देश की धरोहर बताते हुए चरित्र को मानव की असली पूंजी मानकर इसे संभाल कर रखने की प्रेरणा दी। आगामी कार्यक्रम उन्होंने बताया कि आगामी 28 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक मथुरा में दादा गुरु जी का 77वाँ पावन वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला आयोजित होगा। कार्यक्रम को शांतिपूर्वक संपन्न कराने में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया। इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, महेन्द्र बिन्द, रविशंकर चौहान, अरुण कुमार वर्मा, तथा उन्नाव से सहयोगी संगत (डॉ. सहदेव सिंह, फूल चन्द, बेचेलाल, नन्दराम) सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। जनजागरण यात्रा अब अगले पड़ाव हेतु ग्राम मुरादपुर कोटिला (ब्लॉक व तहसील बदलापुर) के लिए प्रस्थान कर गई है।