इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
नारीबारी,प्रयागराज। स्थानीय क्षेत्र में स्कूल वाहनों के नाम पर आरटीओ द्वारा सरेंडर किए गए वाहनों को चलाया जा रहा है जिससे कबाड़ हो चुकी बसों से नौनिहालों की जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। विद्यालय प्रबंधन परिवहन विभाग के मानकों को ठेंगा दिखाते हुए बसों का परिवहन करा रहे हैं।बता दें कि इन बसों के इंश्योरेंस, परमिट, फिटनेस, टैक्स, प्रदूषण सर्टिफिकेट सब काफी दिनों से समाप्त हो चुके हैं।ज्ञात हो कि इन स्कूल बसों को चलाने वाले चालक के पास कोई भी वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होते हैं कुछ स्कूल वाहनों को तो नाबालिकों द्वारा स्कूल वाहनों का परिवहन करवाया जा रहा है। ये चालक खतरनाक तरीकों से वाहनों का चालन करते हैं जिससे नौनिहालों के साथ कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है। देखा जाए तो क्षेत्रीय प्रशासन द्वारा स्कूल वाहनों के खिलाफ कोई भी कदम नहीं उठा रहा जिससे स्कूल प्रबंधन बेखौफ बना हुआ है। सभी मानकों को ताक पर रखकर स्कूल मैनेजमेंट अपने सुविधा अनुसार बसों का परिवहन करा रहा है। अगर मानक की बात की जाए तो स्कूल बसों में फास्ट एड बॉक्स एक महिला और एक पुरुष परिचालक खिड़कियों में उसके साथ जाली लगी हो। साथ ही बस 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार में न चले, इसके लिए स्पीड गवर्नर लगा हो।वाहन चालक का अनुभव कम से कम पांच वर्ष भारी वाहन चलाने का होना चाहिए लेकिन स्कूल प्रबंधक इन सभी नियमों से अनजान बना बैठा है। नारीबारी, खीरी, जारी, कौंधियारा में संचालित कुछ विद्यालयों में छोटे ट्रको में भेडरियों की तरह नौनिहालों को स्कूल ले जाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार कुछ विद्यालयों में कबाड़ से वाहनों को खरीद लिए गए और उन्हें पार्टी के द्वारा सरेंडर करा दिया गया है ताकि इन वाहनों के टैक्स, फिटनेस परमिट, इंश्योरेंस का खर्च ना लगे जबकि नियम यह है कि सरेंडर किए गए वाहनों को रोड पर कतई न चलाय जाय। इन्हें सरेंडर के बाद पंजीकृत कबाड़ी को कटने के लिए दे दिया जाए लेकिन क्षेत्र में उलटी गंगा बह रही है। क्षेत्र के प्रबुद्ध जनों ने परिवहन विभाग और उपजिलाधिकारी बारा से स्कूल वाहनों की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।