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जौनपुर:यूट्यूब की दुनिया में जर्नलिस्ट राजन ने हासिल किया मुकाम।

इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क

1 लाख सबस्क्राइबर हुए पूरे, यूट्यूब भेजेगा सिल्वर बटन।

जौनपुर। जौनपुर की पत्रकारिता में आज हर किसी के पास न्यूज पोर्टल, यूट्यूब चैनल है, लेकिन इनमें बहुत कम ही ऐसे हैं, जो पत्रकारिता की आचार संहिता का पालन कर रहे हैं. उन्हीं में से एक यूट्यूब चैनल है जर्नलिस्ट राजन. जौनपुर के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार राजन मिश्रा का यह यूट्यूब चैनल पत्रकारिता की आचार संहिता का पालन करते हुए आज 1 लाख सबस्क्राइबर का मुकाम हासिल कर लिया है. नियम के अनुसार यूट्यूब 1 लाख सबस्क्राइबर पूरा होने पर सिल्वर बटन भेंट करता है. जर्नलिस्ट राजन को भी यूट्यूब की तरफ से सिल्वर बटन भेंट किया जाएगा.



शुरू से ही रहा संघर्षभरा सफर


वर्ष 2009 में पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखने वाले पत्रकार राजन मिश्रा को राष्ट्रीय सहारा के पूर्व ब्यूरोचीफ स्व. रविकांत शुक्ला का साथ मिला और उन्होंने प्रिंट मीडिया के बड़े प्लेटफॉर्म दैनिक राष्ट्रीय सहारा से जुड़कर अपने सफर की शुरुआत की. धीरे-धीरे सफर आगे बढ़ा तो उन्होंने वर्ष 2011-12 में 'इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चाणक्य' सै. हसनैन कमर दीपू के मार्गदर्शन में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कदम रखा. आर्यन टीवी न्यूज चैनल से उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कदम रखा. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के शुरुआती दौर में राजन मिश्रा ने काफी संघर्ष किया. उन्होंने कभी कैमरा फेस नहीं किया था, जिसका डर उन्हें था. एक बार जब सुपरस्टार रविकिशन का इंटरव्यू करना हुआ तो वह सोच में पड़ गए थे, लेकिन बड़े भाई ने उन्हें कहा कि जिसके हाथ में माइक रहता है तो वही सुपरस्टार रहता है. इस शब्द ने उनके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया. फिर क्या था उन्होंने पहली बार उन्होंने सुपरस्टार रविकिशन का इंटरव्यू किया. इंडिया न्यूज में भी उन्होंने करीब 11 वर्ष तक जुड़कर कार्य किया. रविकिशन के धमाकेदार इंटरव्यू के बाद उन्होंने एक के बाद एक धमाकेदार इंटरव्यू किया. चुनाव के दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, अभिनेता राजपाल यादव, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई दिग्गज नेताओं, अभिनेताओं, खिलाड़ियों और समाज के कई सम्मानित लोगों का साक्षात्कार किया. 

अपनी खबर से कई लोगों को दिलाया न्याय
पत्रकार राजन मिश्र ने अपनी पत्रकारिता के दम पर कई गरीबों को भी न्याय दिलाया. एक वाकया याद आ रहा है कि केराकत के एक शहीद के परिवार को आर्थिक मदद की घोषणा तो कर दी गई थी, लेकिन उन्हें आर्थिक मदद नहीं मिली. कलेक्ट्रेट में जौनपुर की प्रभारी मंत्री रीता बहुगुणा जोशी आईं थीं और अधिकारियों के सामने पत्रकार राजन मिश्रा ने जब सवाल उठाया तो अगले ही दिन उस शहीद के परिवार को बुलाकर आर्थिक सहायता दी गई. इसी तरह चंदवक के दो भाई समेत कुल 10 भारतीय मर्चेंट नेवी में थे और नाइजीरिया की जेल में बंद थे. जब इस खबर को पत्रकार राजन मिश्रा ने चलाया तो उस वक्त की विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने खबर का संज्ञान लेकर सभी को रिहा कराया. इसी तरह खुटहन में एक बेबस मां अपने पुत्र की मौत की दुआ मांग रही थी क्योंकि युवक गंभीर रूप से बीमार था. इस खबर को दिखाए जाने के बाद तत्कालीन डीएम सुहास एलवाई ने मामले का संज्ञान लिया और तत्कालीन स्वास्थ्य टीम भेजकर उसका इलाज करवाया.

यूट्यूब की दुनिया में कदम रखते ही मचाया तहलका
यूट्यूब की दुनिया में उन्होंने महज 1 वर्ष पूर्व ही कदम रखा, लेकिन अन्य कुछ जौनपुर के यूट्यूबरों की तरह उन्होंने फुहड़ता, अश्लीलता से तौबा किया और पत्रकारिता की गरिमा को बनाए रखा. उन्होंने समाज को वही परोसा जिससे समाज को एक संदेश मिले, यही वजह रही कि आज उनके यूट्यूब चैनल को एक लाख लोगों ने सबस्क्राइब कर लिया. इसके साथ ही प्रतिदिन करोड़ों लोग उनके चैनल को देखते हैं।


यूट्यूब की खबरों का भी पड़ता है असर
यूट्यूब जगत में भी कदम रखते ही जौनपुर की पहली महिला ई रिक्शा चालक गायत्री देवी की खबर को उन्होंने दिखाया तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुलाकर एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की. इसके साथ ही गांव-गिरांव की छिपी हुई प्रतिभाओं को अपने यूट्यूब चैनल पर दिखाया, जिसके बाद बदलापुर के विधायक रमेश मिश्रा ने बदलापुर महोत्सव में सबको सम्मानित किया. 


चर्चा में रही डाक्यूमेंट्री

साथ ही जर्नलिस्ट राजन द्वारा बनाई गई बदलापुर विधानसभा की डाक्यूमेंट्री का प्रसारण भी बदलापुर महोत्सव में किया गया, उस दौरान मंच पर केरल के राज्यपाल, प्रदेश के डिप्टी सीएम समेत कई मंत्री, सांसद, विधायकगण मौजूद थे.

फेसबुक पर भी हासिल की ऐतिहासिक उपलब्ध
जर्नलिस्ट राजन नाम से फेसबुक पर भी पेज है, जिस पर एक लाख 82 हजार से भी ज्यादा फॉलोवर हैं।