इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। शीतला चौकियां बड़ागर चौराहा पर एक पेड़ की डाल पर एक बेजुबान कबूतर चाईनीज मंझे में फंसकर तड़प रहा था। जिंदगी और मौत से जूझ रहे कबूतर को देख पर्यावरण पक्षी प्रेमी बिजली विभाग से सेवानिवृत अमरनाथ वर्मा ने लोगों को यह बात बताया। इसके बाद मौजूद गुड्डू सेठ, अमरनाथ वर्मा, अरमान, तिलकधारी यादव आदि ने मिलकर कबूतर को किसी तरह मंझे से अलग कर सुरक्षित खुले आसमान में छोड़ दिया। अमरनाथ वर्मा ने बताया कि पशु-पक्षी हमारी जीवन में दया के पात्र हैं। इनके प्रति संवेदनशील धरती का प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका है। जैसे मूल के बिना पेड़ संभव नहीं है, वैसे ही जीव दया के बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक है। वहीं बेजुबान जीव, जंतु, पक्षी मनुष्य की तरह बोल नहीं सकते लेकिन उनके मन में प्रेम संवेदना दर्द तथा सुख-दुख की भावना होती है।