इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
वाराणसी।गंगा का जलस्तर निरंतर वृद्धि की ओर है। इससे किनारे के इलाकों में अफरा तफरी का माहौल है। पहाड़ों पर हो रही बारिश से बांध भी लबालब हो गए हैं। बारिश और गंगा बैराज से छोड़े जा रहे पानी ने मैदानी क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न कर दिए हैं। वाराणसी में गंगा और वरुणा उफान पर है।गंगा का जलस्तर 10 सेंटी मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।तेजी से बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को देखते हुए वाराणसी जिला प्रशासन, जलपुलिस के साथ एनडी आरएफ की टीम अलर्ट मोड़ पर आ गई है। जिला प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर को पूरी तरह दुरुस्त करने का निर्देश दिया है, तो वही अधि कारियों की भी तैनाती कर दी गई है। जिला प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगो से सुरक्षित स्थान पर जाने या राहत शिविर में रहने की अपील की है। जलपुलिस और एनडीआरएफ की टीम लगातार गंगा में चक्रमण कर रहे है और पूरी तरह अलर्ट पर है।
>10 सेमी प्रति घंटे बढ रहा जलस्तर।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर के करीब गंगा का जलस्तर 69.30 मीटर तक पहुंच गया है।गंगा में 10 सेमी प्रति घंटे से जलस्तर में बढ़ाव हो रहा है, ऐसे में यदि जलस्तर के बढ़ने की रफ्तार ऐसे ही रहा तो जल्द ही वाराणसी में बाढ़ आ जाएगी।बता दें कि वाराणसी 71.26 मीटर खतरे का निशान है, जिससे गंगा का जलस्तर करीब दो मीटर की दूरी पर है। गंगा के जलस्तर में हुई तेजी से बढ़ोतरी से काशी के सभी घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। घाट किनारे होने वाला शवदाह और पूजा पाठ काशी की गलियों में किया जा रहा है।
>सुरक्षित ठौर की तलाश।
वहीं दूसरी ओर गंगा की सहायक वरुणा नदी उफान के साथ रिहायशी इलाकों की ओर रुख करने लगी है। वरुणा नदी का पानी रिहायशी क्षेत्रों में आने से लोग अब अपने घरों को छोड़ सुरक्षित स्थान पर पलायन कर रहे हैं।पुलकोहना, पुराना पुल सरैयां आदि वरणा नदी के तटवर्ती इलाकों में लोग घरों को छोडकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। गंगा का नमो घाट भी पानी से डूब गया है।इस वजह से घाट को सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है।