इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट परिवार द्वारा चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लिया गया। उनके द्वारा क्षेत्र के टीबी रोगियों को पौष्टिक आहार किट का वितरण भी किया। संकल्प लिया कि इनकी देखरेख की जिम्मेदारी हमारी रहेगी। इस सम्बन्ध में एक कार्यक्रम का आयोजन टीबी अस्पताल पर किया गया। कार्यक्रम के विषय पर जानकारी देते हुये ट्रस्ट की अध्यक्ष उर्वशी सिंह ने बताया कि हमारा प्रयास प्रधानमंत्री भारत सरकार के 2025 तक भारत से क्षय रोग उन्मूलन के लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। प्रत्येक टीबी रोगी को दवाइयों के साथ-साथ कुछ पोषण सामग्री की आवश्कता होती है, हम टीबी मरीजों को पौष्टिक सामग्री जैसे गुड़, मूंगफली दाना, दाल, भूना चना सत्तू, बोर्नबीटा के साथ-साथ सोयाबीन उपलब्ध करा रहे हैं। एक माह तक मरीज को देने के बाद हम उसकी मॉनिटरिंग भी करते हैं कि क्या मरीजों की दी जाने वाली पोषण सामग्री का लाभ उन्हें हो रहा है। इसका पता हम मरीजों के वजन/बीएमआई द्वारा पता करते हैं। इसकी शुरूआत हमने पहले से ही शुरू पिछले साल से ही कर दिया है।
>टीबी रोगियों को गोद लेने की प्रक्रिया जारी।
जिला चिकित्साधिकारी डॉ.लक्ष्मी सिंह ने बताया कि राज्यपाल की मंशानुरुप जनपद में समस्त टीबी रोगियों को गोद लेने की प्रक्रिया जारी है। जिला क्षय रोग अधिकारी विशाल सिंह यादव ने कहा कि अतुल्य वेलफेयर ट्रस्ट परिवार की यह पहल सकारात्मक है, जनपद में टीबी फ्री के लक्ष्य के साथ चुना गया है जिसमें हमारा उद्देश्य है कि हम प्रत्येक चिन्हित रोगी को दवाईयों के साथ कुछ पोषण भी उपलब्ध करवा सकें। अभी तक ट्रस्ट परिवार ने 300 से ऊपर मरीज़ गोद ले चुके हैं।
>पहले घर से दूर रहते थे टीबी मरीज।
सुशील अग्रहरी ने बताया कि टीबी रोगियों के स्वास्थ्य पर नजर रखते हुए पौष्टिक आहार किट उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। गोद लेने को सामाजिक संस्थाएं स्वयं आगे आ रही हैं जो कि अच्छी बात है। एक समय ऐसा था जब घर का कोई सदस्य क्षय रोग से पीड़ित होता था तो परिवार वाले उसको घर से दूर रहने की व्यवस्था करा देते थे।
>अन्य बीमारियों से कहीं अधिक था टीबी से मौतों का आंकड़ा।
ज्ञान सलिल यादव ने कहा कि माइक्रोबैक्टीरिया ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया से होने वाली इस बीमारी से मौतों का आंकड़ा अन्य बीमारियों से कहीं अधिक था। अब समय बदल चुका है, हम देश की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। अब स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से बेहतर हो चुकी हैं, इसलिए घबराने की नहीं, बल्कि सही समय पर पूरा इलाज कराने की जरूरत है। इस मौके पर डॉ.धर्मेश कुमार समन्वयक,नवीन सिंह,राजीव श्रीवास्तव, नागेंद्र नाथ सिंह राधिका सिंह, बिट्टू किन्नर, मीरा अग्रहरी, कनक सिंह, पिंटू गिरी, अंचल पूनम जायसवाल के साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।