इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जलालपुर, जौनपुर। जयगुरुदेव नाम की महिमा सुनाते हुये एवं आत्मा का गूढ़ रहस्य बताते हुये जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत पंकज जी महाराज 122 दिनों की जौनपुर भ्रमण यात्रा के 51वें पड़ाव पर ग्राम छतारी पधारे। स्थानीय भाई—बहनों ने यात्रा का हर्शोल्लास के साथ स्वागत किया। सत्संग सुनाते हुये महाराज जी ने कहा 'यह तन तुमने दुर्लभ पाया, कोटि जन्म भटका जब खाया। अब या को बिरथा मत खोवो, चेतो छिन-छिन भक्ति कमाओ।' प्रेमियों! न जाने कितनी योनियों को भोगने के बाद आपको यह मानव तन मिल गया है। अब इसको सांसारिक सामानों को इक्ट्ठा करने में ही न लगा कर कुछ समय भगवान के भजन में भी लगायें। इसके लिये प्रभु की प्राप्ति करने वाले गुरु की आवष्यकता है। जब वह मिल जायेंगे तो आपको साधना का रास्ता बता देंगे, आप पर अपनी कृपा करेंगे। जब आप शाकाहारी-सदाचारी रहकर अभ्यास करेंगे तो दिव्य दृश्टि खुल जायेगी, ऊपर से आने वाली आसमानी आवाज, अनहदवाणी सुनने लगेंगे। आप त्रिकालदर्षी हो जायेंगे। जीवन सार्थक हो जायेगा।उन्होंने लोगों से शाकाहार अपनाने की पुरजोर अपील करते हुये कहा कि मांसाहार से पशु-पक्षियों के शरीर में मौजूद जीवाणु मनुश्य शरीर में प्रवेष करने से तरह-तरह की बीमारियां हो जाती हैं और हो जायेंगी। कहावत है जैसा खावे अन्न। वैसा होवे मन। मांसाहार व षराब से हिन्सा, अपराध की प्रवृत्ति बढ़ती है, मन में चन्चलता आती है। चंचल मन से भजन भी नहीं हो पाता। समाज के शुभचिन्तकों, बुद्धिजीवियों से अनुरोध है कि वे भी शराब छुड़ाने, शाकाहारी बनाने का अभियान चलायें। उन्होंने आगामी 28 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक जयगुरुदेव आश्रम पर होने वाले पूज्यपाद दादा गुरु जी के 77वें पावन भण्डारे पर पधारने का निमन्त्रण भी दिया।इस अवसर पर अध्यक्ष ऋषिदेव श्रीवास्तव, अरुन वर्मा, ओम प्रकाश, सुरेश, सहयोगी संगत वाराणसी से बांके लाल, दिनेश, राजेश चौबे, लालचन्द पाल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। इस दौरान बताया गया कि यात्रा अपने अगले पड़ाव ग्राम असबरनपुर के लिये प्रस्थान कर गयी।