इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
सरायख्वाजा,जौनपुर। जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी संत पंकज जी महाराज वर्तमान में 122 दिनों के लिये जौनपुर में सत्संग भ्रमण पर हैं। आज अपने 97वें पड़ाव पर गजंगीपुर पधारे जहां स्थानीय भाई-बहनों ने भावपूर्ण स्वागत किया। अपना सत्संग सन्देश सुनाते हुये महाराज जी ने कहा कि प्रेमी भाई-बहनों! हमारा यह जीवन क्षण भंगुर है। ना जाने किस क्षण इसको छोड़ना पड़ जाय। कोई भी दवा, उपाय एक भी स्वांस बढ़ा नहीं सकता है। देखते-देखते ये बाल-बच्चे, घर, मकान, भूमि पर छूट जायेगा। सोचो! आपके साथ क्या जायेगा, इसलिये अब भी चेतो और बचे समय में प्रभु का भजन कर लो। यही किया हुआ भजन आपको भविष्य की भयानक स्थितियों से बचायेगा। यह सरल युक्ति है। सुमिरन, ध्यान, भजन की क्रिया ही इस कलयुग की सरल साधना है। महाराज जी ने तीनों क्रियाओं को विधिवत् समझाया।इसी क्रम में संस्थाध्यक्ष ने शाकाहार अपनाने तथा नशीले पदार्थों से परहेज करने की अपील करते हुये कहा कि आज के समय में युवा पीढ़ी के अन्दर संस्कारों की कमी देखी जा रही है। पहले के समय में माता-पिता अपने 4-4 बच्चों को पाल लेते थे। आज वही डिग्री डिप्लोमा किये हुये बच्चे अपने माता-पिता को नहीं खिला पा रहे हैं। घर—परिवार बांट दिया, जमीन—जायदाद बांट दिया। यहां तक कि मां—बाप को भी बांटकर रख दिया। 15 दिन तुम खिलाओ और 15 दिन के बाद हमारे पास छोड़ दो, इसलिये आप लोग अपने बच्चों को सत्संग में अवश्य लेकर आया करें। सत्संग से संस्कार पड़ते हैं। सेवा की भावना जागती है और वे ही बच्चे परिवार और देश का नाम रोशन करते हैं।इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, बृजमोहन यादव, राज महातम यादव, कानपुर देहात अध्यक्ष रामसिंह सहित संस्था की प्रबन्ध समिति, सामान्य सभा के सदस्यगण उपस्थित रहे।