इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। फरीदाबाद में स्थित रहमानिया जामा मस्जिद में वक़्फ़ संपत्तियों के डिजिटल पंजीकरण को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला की गई। कार्यशाला में क्षेत्र के विभिन्न गाँवों से मुतवल्ली, सचिव तथा वक़्फ़ संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य था कि आगामी 5 दिसम्बर से पहले सभी वक़्फ़ संपत्तियों का विवरण केंद्रीय UMEED पोर्टल पर दर्ज कर पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाय। कार्यक्रम में मछली शहर कोऑर्डिनेटर इरशाद खान ने कहा कि "वक़्फ़ संपत्तियाँ हमारी सामाजिक और धार्मिक धरोहर हैं जिनका संरक्षण हर मुतवल्ली की जिम्मेदारी है।" उन्होंने बताया कि UMEED पोर्टल पर पंजीकरण से वक़्फ़ प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये डॉ. शहाबुद्दीन ने कहा कि मछलीशहर क्षेत्र की सभी वक़्फ़ संपत्तियों के मुतवल्ली व जिम्मेदारान को मांगे गये दस्तावेज़ पूर्ण कर पोर्टल पर सबमिट करने में हरसंभव सहायता दी जाएगी। ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष नूरुज्जमा ने जानकारी देते हुये उपस्थित लोगों को गाइड किया और जिनके पास दस्तावेज़ अधूरे हैं, उन्हें बनवाने में मदद का भी आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने सभी मुतवल्ली व केयरटेकर से पोर्टल पर जल्द पंजीकरण करने की अपील किया।वक़्फ़ बोर्ड प्रशिक्षक फैजान खान ने UMEED पोर्टल पर ऑनलाइन प्रक्रिया का विस्तार से प्रदर्शन किया और आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची साझा किया। साथ ही वक़्फ़ संपत्ति विवरण अपलोड करने में तकनीकी सहायता प्रदान करने का वायदा किया। मकसूद अली ने कहा कि पंजीकरण की अंतिम तिथि 5 दिसम्बर है। इसके बाद देरी करने पर छह माह की सज़ा और 20,000 से 1 लाख तक जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने UMEED पोर्टल के तीन चरणों वाले फॉर्म को भरने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट कुर्बान राईन ने किया।मौलाना शाह मोहम्मद ने इस डिजिटल अभियान की सफलता के लिये सभी वक़्फ़ केयर टेकरों के सहयोग का भरोसा दिलाया। अन्त में उपस्थित सभी वक़्फ़ ज़िम्मेदारान ने संकल्प लिया कि वे अपनी वक़्फ़ सम्पत्तियों का विवरण निर्धारित समय सीमा में UMEED पोर्टल पर अपलोड करेंगे।