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रायबरेली:छतोह की जर्जर व बदहाल सड़कें क्षेत्र के विकास को चिढ़ा रही मुंह,जिम्मेदार मौन।

इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क

नसीराबाद, रायबरेली। बीतते समय के साथ आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पार्टियां एक दूसरे को शिकस्त देने के लिए अंदर खाने में तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं बात करें संसदीय क्षेत्र अमेठी की तो अमेठी को भले ही वीवीआईपी जिला कहा जाता रहा हो परन्तु विकास के मामले में यहां ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ साबित हो रही है। वर्तमान जन प्रतिनिधियों के उदासीनता के चलते दशकों से विकास क्षेत्र छतोह की स्थित दयनीय है। अब भले ही यहां की टूटी फूटी व खंडहर सड़कों को यहां के जनप्रतिनिधि , मंत्री और विधायक नेता अपना विकास समझते हों लेकिन यहां की क्षेत्रीय जनता व इन पर बदहाल संपर्क मार्गों पर सफर करने वाले राहगीरों के लिए ये किसी मुसीबत के सबब से कम नही है।

 विकास खंड छतोह के अंतर्गत विभिन्न गांवों को जोड़ने वाली छोटी से लेकर बड़ी तकरीबन दर्जनों से अधिक सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। आये दिन इन गड्ढों की चपेट में छोटे से लेकर बड़े वाहन राहगीर समेत स्कूली बच्चे हादसे का शिकार हो रहें है। वहीं चुनावी जनसभा, गांव गांव चौपाल लगाकर जनता की समस्याओं का समाधान करने वाले जनप्रतिनिधि मुख्य सड़क मार्गो की बदहाल समस्या पर मौन है।

 लोगों का कहना है कि यहां सड़क नाम की चीज ही नहीं है नजर उठा कर देखा जाए तो सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे दिखाई पड़ते हैं। ब्लॉक मुख्यालय से विभिन्न गांवों को जोड़ने वाले नसीराबाद से लहेंगा, परैया नमकसार, मेंहदीगंज से नसीरपुर, रहीमगंज से बिरनांवा, कांटा का मुख्य मार्ग, दयालपुर से बिरनांवा, लहेंगा से डीघा समेत ऐसे दर्जनों संपर्क बदहाल मार्ग हैं जो सड़कों में गढ्ढें या गढ्ढों में सड़क यह कहना मुश्किल है। इन बदहाल सड़कों में कई संपर्क मार्ग (सड़कें) ऐसी भी हैं जिनमें बीते कई माह पहले केंद्रीय मंत्री अमेठी सांसद स्मृति ईरानी का काफिला गुजर चुका है। 

यही नहीं सड़क से सटे कई गांव में चौपाल भी लगाकर ग्रामीणों की समस्या सुनी गई, जिसमें प्रमुख समस्या क्षेत्र की बदहाल सड़कें थी। परंतु सांसद से शिकायत के कई माह बीत जाने के बावजूद भी यह सड़कें जस की तस बदहाल है। बता दें इसी सड़क से सटे हुए कई इंटरमीडिएट, डिग्री कॉलेज पैरामेडिकल कॉलेज भी हैं। सैकड़ों की संख्या में छात्र और छात्राएं रोज इसी बदहाल मार्ग से स्कूल जाने को विवश हैं।

ग्रामीण राम प्रसाद, कमलेश कुमार, राजकुमार, मुस्तकीम अर्जुन, त्रिभुवन प्रसाद, हरि ओम त्रिपाठी, ऊदयराज, नारेन्द मौर्य, राम सजीवन सरोज, प्रदीप कुमार पांडे, कामता नाथ उपाध्याय, रामसागर पांडे, बंसी लाल, अमित कुमार तिवारी आदि लोगों का कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों से इन बदहाल सड़कों की मरम्मत करने की शिकायत की गई लेकिन सड़क की हालत आज भी जस की तस बरकरार है। इस संबंध में जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव के सीयूजी नंबर पर संपर्क साधा गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।