इंद्रा एक्सप्रेस नेटवर्क
जौनपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय/सचिव पूर्णकालिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रशांत सिंह ने बताया कि उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं सुशील शशि जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 'पाक्सो एक्ट, पॉश एक्ट, शिक्षा का अधिकार, महिलाओं के अधिकार, निःशुल्क विधिक सहायता, बालक एवं बालिकाओं के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं' के विषय पर प्रशांत सिंह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय/सचिव पूर्णकालिक जिला प्राधिकरण की देख-रेख में 'जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।शिविर को सम्बोधित करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय/सचिव पूर्णकालिक जिला प्राधिकरण प्रशान्त सिंह ने बताया कि पॉश अधिनियम का मतलब है। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 यह भारत में एक कानून है जो कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने, निषेध करने और उसका निवारण करने के लिए बताया गया है। इसके तहत संगठनों को एक सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करना होता है और यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) बनानी होती है। पोक्सो एक्ट एवं प्राधिकरण के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला और अधिक से अधिक वादों का निस्तारण मध्यस्थता के द्वारा और राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा निस्तारित करने पर बल दिया एवं नये कानून भारतीय नागरिक संहिता 2023 के बारे में विस्तार से बताया।इसी क्रम में डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल जौनपुर डा0 दिलीप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को वैकल्पिक प्रणाली के रूप में 1987 के दशक में बनाया गया जिसके मुख्य दिशा निर्देशक जस्टिस पी0एन0 भगवती और जस्टिस वी कृणा अययर थे। उन्होंने बताया कि किस तरह से संपूर्ण भारत के हर जनपद में स्थापित प्राधिकरण में मध्यस्थ, पैनल लॉयर, काउंसलर डिफेंस लीगल सिस्टम, पराविधिक स्वयंसेवक, फ्रण्ट ऑफिस वैवाहिक प्रीलिटिगेशन वाद सहित अन्य से किस प्रकार निःशुल्क सहायता और जागरूकता प्राप्त की जा सकती है। राष्ट्रीय लोक अदालत और मध्यस्थता किए गए वाद अंतिम होते हैं और इसमें सारी फीस वापस हो जाती है। देश और समाज तथा परिवार का उत्थान नारी के संतुलित विकास और बच्चों में संस्कार डालने से ही संभव है। इस पर भी उन्होने विस्तार से प्रकाश डाला उन्होंने बालकों का अनुशासन और देश प्रेम के बारे में विस्तार से बताया।प्राचार्य डा0 विनोद शर्मा एडीआईओएस राजेश यादव, रमेश चन्द्र यादव, डा. सुधीर सिंह, डा0 प्रशांत द्विवेदी असिस्टेंट प्रोफेसर टीडी पीजी कालेज ने भारती न्याय संहिता के विषय में विस्तार से बताया और मुख्य परिवर्तन को रेखाकिंत किया। शासन—प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सहायता घरेलू हिंसा और विधिक सेवा तथा लैंगिक उत्पीड़न, बाल विवाह निषेध कानून महिला कल्याण विभाग पीसी आरबी वैन टोल फ्री नं0 1090, 1500, 1098, 100, 101 वरासत और सुमंगला योजना के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका डा0 प्रीति श्रीवास्तव ने किया।इस अवसर पर डा0 विनोद शर्मा प्राचार्य, डा0 सुधीर सिंह, डा0 प्रशान्त द्विवेदी, रमेश चन्द्र यादव सहायक प्राध्यापक टी0डी0 कालेज, राजेश यादव एडीआईओएस, डा0 आर0एन0 यादव प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कालेज सहित तमाम छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।